Sunday, June 5, 2011

क्या मुझे वो आज नहीं मिल सकता है
उसको भी पता है की याद में उसकी दिल दुखता है

कहते है सभी की वक़्त रुकता नहीं कभी
उसके इंतजार में वक़्त वहीँ कहीं रुकता है

उसके जाने से कुछ खास नहीं बदला बस अब
जहाँ दिखती है उसकी आस वहीँ सर झुकता है

वो रौशनी है जहाँ है वहां उजाला है
कोई बताओ जाके उसके की यहाँ कोई सुबह की रह ताकता है

हँसी ख़ुशी जीने को कुछ कमी तो नहीं
वो आ जाये तो लगेगा की सुकून बाबस्ता है
तेरी हँसी से मेरा दिन हसीन होता है 
नमी हो आँखों में तेरे, मेरा मन नमकीन होता है
तेरा जो मन उदास हो तो दिल नहीं लगता
ज़रूर मैंने ही किया होगा कुछ ये यकीन होता है

अब तो ये याद भी नहीं की तू कहाँ से आई थी
बस इतना याद है उस दिन भी कुछ बदली छाई थी
तू रौशनी बनी और सब तरफ से बदली हट गयी
हुआ है आज क्या ऐसा ही रौशनी सिमट गयी
कहीं उजाला भी थोडा अँधेरा होने से रोता है
ज़रूर मैंने ही किया होगा कुछ ये यकीन होता है

अगर तू हस नहीं सकती तो मुस्कुरा दे ज़रा
उदासी छोड़ के तू ज़िन्दगी से लड़ और हरा
तू मेरे जैसी है तो बन मेरी तरह तू भी
बने है हम भी किस मिट्टी से उन्हें दिखा दे ज़रा
है गम किस बात का, जो होता है भले को होता है
ज़रूर मैंने ही किया होगा कुछ ये यकीन होता है