Sunday, April 24, 2011

Extra Spark !!!

World looks threatening, rude & Dark
When you are around, I get an extra spark

Everywhere the people are black, white or brown
All lack humanity, love & care all what matters is the crown
You give stay with me like you are the tree & I am your bark
You keep me in your cozy shade, I get an extra spark

I saw since start that's its a strange trend
Where relations are to be found before you find friends
Before you get a hand shake you need to show wealth mark
You took me as the I was, I got an extra spark

The cloud of life had lightening & I was in a thunder
All rights were actually looking wrong & life was like a blunder
You saved me in this life's play & acted like anchor & arc
Which is why I am happy with you, I get an extra spark

Sunday, April 10, 2011

बहने तो भगवान का साया है, किस्मत से मैंने इन्हें पाया है
है सब के ही बिलकुल स्वभाव अलग, सबने मुझे स्नेह से अपनाया है

मेरे हर सुख में संग हसी, मेरे दुःख में ये रोती है
मैं संग रहू या न भी रहू, ये संग सदा मेरे होती है
जब तक है ये मैं तनहा नहीं, जीवन में ये भरोसा पाया है
मेरे लिए तो प्रसाद है ये,बहने तो भगवान का साया है

मैं कितना लड़ा क्या नहीं कहा, पर फिर भी मेरे संग रही
हुई कितनी भी बरसात बहार, मुझ 
पर इनकी बस छावों रही 
मेरी हर गलती को भूली, हर बार मुझे समझाया है
मेरे लिए तो प्रसाद है ये,बहने तो भगवान का साया है

बिन जाने मेरा दोष है क्या, बिन जाने कुछ आगा पीछा
क्या किया है मेरे भाई ने, तुमने ये ज़माने से पूछा
मेरी गलती होने पर भी, मुझको आँचल में छुपाया है
मेरे लिए तो प्रसाद है ये,बहने तो भगवान का साया है

तुम माँ भी हो तुम बेटी भी, तुम धर्म भी हो तुम नीति भी
तुम प्रेम भी हो आलाप भी हो, तुम शीतल हो तुम ताप भी हो
तुम शांत भी हो तुम चिरोरी भी, ताकुँत हो मेरी कमजोरी भी
मेरी किस्मत ही अलग सी कुछ, जो मैंने तुमको पाया है
मेरे लिए तो प्रसाद है ये,बहने तो भगवान का साया है

जब तक में हूँ तुम
 रहना सदा, मेरे सुख-दुःख संग सहना सदा 
तुम गयी तो अकेला रह जाऊंगा, क्या करूँगा कुछ ना कर पाउँगा
मेरी गलती भूलेगा कौन, कौन कहेगा तू है बिलकुल सही
कैसे रह पाउँगा में फिर, जो तू मेरे ना संग रही
दुनिया है तेरे बिन कहीं, सब बेकार है सब मोह माया है
मेरे लिए तो प्रसाद है ये,बहने तो भगवान का साया है
गर नहीं तुझको है फ़िक्र, हम क्यों जताना छोड़ दे
अब नहीं तू देखता पर क्यों आंसू बहाना छोड़ दे

आज अपनी भी कहानी दो सिरों में बंट गयी
तुम अगर जो भूल भी गए, क्यों हम ये फ़साना छोड़ दे

तुम तो दरिया दिल थे, मेरी हर खता ही माफ़ थी
आज तुम रूठे हो तो क्यों हम मानना छोड़ दे

होने दो बारिश बहुत, मिट जाए तेरी यादों का घर
पर एक बार जो मिट गया, क्यों उसे फिर दे बनाना छोड़ दे

गाहे बगाहे ही तेरी गलिओं से मेरा रास्ता मिले
क्यों तेरे उस मोड़ से हम आना जाना छोड़ दे

आज में तनहा हु तो तनहा तू भी होगी वहां
क्यों न समझे दर्द तेरा, क्यों तुझको हसना छोड़ दे

जब मुझे ये है यकीन ही आओगे तुम जल्द ही
क्यों न तेरी रह देखे, क्यों पलके बिछाना छोड़ दे

Sunday, April 3, 2011

आज अचानक एक मोड़ पे ज़िन्दगी से मुलाकात हुई 
वो जल्दी में थी, मैं खाली था बस पल दो पल ही बात हुई

उसने पूछा तुम कैसे हो, मैंने बोला बिलकुल तनहा
मैंने पूछा तुम कैसी हो, बोली खुश हु न है कोई शिकवा
मैं बोल पड़ा तुम झूठी हो क्यूंकि चेहरे पे शिकन सी है
उसने धीरे से मुझे कहा, क्यों करते हो मुझको रुसवा

मैंने बस फिर कुछ नहीं कहा वो पहले ही परेशां सी है
मैं ही नहीं जो रोया हूँ, आँखें उसकी भी लाल सी है
पर वो तो फिर भी है ज़िन्दगी, उसका हर रंग निराला है
वो चली गयी मैं खड़ा रहा, शायद कोई आने वाला है

गर तुमको कभी फिर मिले कहीं, कहना उसको मुझे इंतजार है
उसको मेरी हँसी से हो ना हो, मुझको उसकी हँसी से प्यार है
मैं तब से अब तक खड़ा ही हु, कब दिन आया कब रात हुई
वो जल्दी मैं थी, मैं खली था बस पल दो पल ही बात हुई 
कुछ देर अपने अहसास को खामोश रहने दो 
कभी लगे मुझे भी ये की तुम साथ नहीं हो
ज़रा तनहा सा मैं महसूस करू, रो लूँ मैं ज़रा
पर तुम पास हो इतने की दुरी के हालत नहीं है

अक्सर ये फासले जो बस हाथ भर के हो
मिलने की आरजू जो बस जज्बात भर के हो
ये फासले पाटने में जीवन बीत जाता है
मैं हारता हूँ कुछ कदम से और वो जीत जाता है
क्यों सरे जवाब तेरे पास है की अब सवालात नहीं हो
कैसे लगे मुझे की तुम साथ नहीं हो

तू मेरे रंग ढंग में हर एक बात में तू है
मैं गर जिस्म भर ही रहू, तू मेरी रूह है
हर बात में तेरा असर, बातों में बात वही हो
कैसे लगे मुझे की तुम साथ नहीं हो 
तुम बिन ऐसा होगा जैसे साज़ तो हो आवाज़ न होना
सोच नहीं सकता क्या होगा, देखो तुम नाराज़ न होना

मेरी गलती जानके भी, तुम अपना आप ना खोना
होगी बड़ी मुश्किल तेरे बिन, देखो तुम नाराज़ ना होना

मेरी तो जान भी तू है यार भी तू, तुझसे ही गुस्सा और प्यार भी तू
मेरी किसी नादानी से अपने मन मैं कोई बैर ना बोना
तू तो मेरा ही प्रतिबिम्ब है, देखो तुम नाराज़ ना होना

जीवन की काश-म-काश में तेरा होना है सुकून होना
तेरी जब आये याद मुझे भूल जाता हूँ अपना दुःख और रोना
आप साथ तो दर नहीं है, हो जाये अब जो है होना
बस इतनी सी अरज आपसे,देखो तुम नाराज़ ना होना