Friday, June 7, 2013

कहनी थी उनसे बात पर वो बात रह गयी................

बैठे थे जिसके साए मैं वो रात डेह गयी 
कहनी थी उनसे बात पर वो बात रह गयी 
मैं सोचता रहा की बस इस बार कह ही दूँ 
कहनी की जब जुर्रत हुई वो मुलाक़ात रह गयी 

यु तो जहाँ मैं सभी आये अकेले थे 
वो जब मिला अकेले रहने की नियत बदल गयी 
उसकी नज़र बदली सारा जहाँ बदल गया 
दर्द सर्द हो गया साडी हकीकत बदल गयी 

जन्नत नहीं है मार्के के बाद किसी के लिए 
वो साथ हो तो खुशिओं की बरसात हो गयी 
बरसात की अजीब सी फितरत है दोस्तों 
पहले ज़िन्दगी मैं थी अब आँखों से दिन रात हो गयी 

रूह के सिवाए दुनिया मैं अपने कोई नहीं 
बाकि ये कायनात उसके साथ बह गयी 
बैठे थे जिसके साए मैं वो रात डेह गयी 
कहनी थी उनसे  बात पर वो बात रह गयी 

कहनी थी उनसे बात पर वो बात रह गयी


आँखों से कभी इज़हार मत करना.................

किसी को सको न दे सको दुआ तुम मगर 
किसी को बददुआ देकर उधार मत करना 
दिल मैं तुम्हारे कुछ भी हो, कैसा भी हो 
आँखों से कभी इज़हार मत करना 

हाथों में रेत रखना या दिल में अरमान रखना
किसी भी सूरत इ हालत मैं ऐतबार मत रखना 
गर न मने दिल और करो किसी पे तुम यकीन 
किसी भी सुरात इ हालत मैं ये व्यापार मत करना 

बड़े मौके मिलेंगे नाम करने के, मिटने के 
तुम अपने नाम पर ये इश्क का इश्तिहार मत करना 
मुझे है ये पता की इश्क तुमको अब भी है मुझसे 
मगर इस बात का तुम मुझसे भी इज़हार मत करना 

शहर है ये नमक वालो का, इनको क्या पड़ी दिल की 
अगर लग जाये खंज़र भी तो मरहम यार मत करना 
है इनके मरहमो मैं भी नमक खुदगर्जी का ऐ दोस्त 
किसी भी अजनबी का अपने घर मैं इस्तकबाल मत करना 

मेरा घर अब भी तेरा है, मैं अब भी एक मुसाफिर हूँ 
मैं जब भी लौट कर आऊ, मुझे तुम प्यार मत करना 
ज़माने की नज़र तुम पर है और शायद है मुझपर भी 
नज़र नजरो से मिला कर तुम आंकें चार मत करना 

 दिल मैं तुम्हारे कुछ भी हो, कैसा भी हो 
आँखों से कभी इज़हार मत करना

और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ .....................

हर घडी हर पल तेरी हर बात याद आती है 
होती है शुरू मुस्कान से, आखिर में पलके भीग जाती है 
मैं हर बार हस्त हु और आंसू पोंछ लेता हूँ 
और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ 

लड़ाई पहले भी की थी, अजी अब भी लड़ाई है 
तू पहले बोल पड़ती थी, तो अब फिर क्यों जुदाई है 
मैं राज़ी हु मान जाने को, मनाने को बिलखता हूँ 
और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ 

क्या तुझको याद है वो दिन जो अब जा कर नहीं आते 
कभी तो याद कर वो धुन जो हम खुल कर नहीं गाते 
मैं तेरे साथ चुप चुप कर वो धुन सुन कर बहकता हूँ  
और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ 

कभी तुझको लगा होगा की अब ये आग फ़ना हुई 
हुई मेरी ग़ज़ल पूरी, गाएगी तू नयी धुन कोई 
मगर तू देख नज़र भर कर, मैं तो अब भी सुलगता हूँ 
और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ 

और फिर हर बार की तरह मैं तेरी राह तकता हूँ .....................

Tuesday, June 4, 2013

Thanks my Friend..........


You are best friend among all my Friends
I been just me & you set all trends
you hook on me when the life was sand
you never held it but never left my hand

I made you sad, I mad you Cry
You always consoled & gave smile a try
I was lost in ocean & you were Land
You are, yes you are still my Best Friend

You had your reasons, We had our Seasons
You held your words, Never Crossed those Herds
I was crazy & mad, you meant what you said
when I was down you always held my Hand
You are, you are, you are my Best Friend

I wish you smiles, I wish you cheers
Let Blush be yours & let me have Tears
Never regret in life that I am not Near
You feel me around but still Pretend
I am here for you & you are my Best Friend

You made my World, you brought some light
It was just Blue, you made it Bright
May God grant you all & you feel contend
Please give all God, its my Best FRIEND

Please give all God, its my Best FRIEND