Sunday, July 3, 2011

तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ

कोई इशारा दे ज़रा, मैं तेरे इंतज़ार में हूँ  
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ

तेरे संग जीवन जिया, तेरे संग रोया हँसा
तू अगर भूल भी जाये, मैं सदा तुझमे बसा
तेरे होने से सब रंग थे, अब लगता है की खाली संसार में हूँ
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ 


तुझसे मेरे चेहरे पे हँसी थी, तुझसे दिल को करार था
तुझसे ही मेरा नाता था, ये जग तो बिलकुल बेकार सा था
तुम गए, खुशियन गयी, मैं अब तो दिल-इ-बेक़रार में हूँ
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ 


तेरे दामन में छाव मिली, दुनिया सारी तो दोज़क है
तुझे मेरा हक था हक है, शायद तुझको इस पर शक है
तू दूर चली जा कितनी भी, में अब भी तेरे इक्थ्यार में हूँ
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ 


मेरे बदले उसको क्यों चुना, क्यों मुझको तनहा छोड़ दिया
एक बार गए तो ऐसे गए की मुंह  ही मुझसे मोड़ लिया
मैं समझ था की प्यार है  ये, वो समझा में व्यापर में हूँ
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ 


जाते जाते तुम कह के गए की वापिस तुम बस फिर आओगे
जो होना था वो हो ही गया, तुम फिर बदली बन छाओगे
जब तू चाहे तब आ जाना, में सिर्फ तेरे इंतज़ार में हूँ
तुझे लगा सब ख़त्म हुआ, मैं तो आज भी प्यार मैं हूँ .....................

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