Wednesday, October 26, 2011

ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना..................

ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना
गर लगे कमी मेरी कभी बस एक बार पुकारना
यूँ  तो है नया सफ़र ये और डगर तेरी बदल गयी
पर कभी गुज़रे यहाँ से तो दूर से निहारना
ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना

मैं कभी तेरा न था और न कभी बन पाउँगा
पर तू आदत है मेरी, तुझको मैं जीता जाऊंगा
जीते तू बाज़ी हर एक, हो मेरे नसीब में हारना
ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना

Tha कितना सरल तेरे लिए जाना न मुडके देखना
मेरा भी है जनून यही की तेरी ही रह देखना
कहना मुझे सब कुछ मगर न कहना की करू अब इंतज़ार ना
ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना

क्या वक़्त मेरा चला गया और लौट के न आएगा
क्या मेरा खुदा मेरा नहीं जो और कोई तुझे अब पायेगा
कोई कहे कुछ भी मुझे अब  का कोई ऐतबार ना
ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना

तेरा फैसला ना आने का शायद तुह्जे मंज़ूर हो
प्यार मेरा कुछ ऐसा है की आने को तू मजबूर हो
गर किया हो कुछ भला मैंने तो आकर अहसान मेरा उतारना
ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना

ज़िन्दगी से तुने दूर किया अब दिल से मत निकालना ....................

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