Wednesday, September 1, 2010

कहने को बस एक शब्द है प्यार

कहने को बस एक शब्द है प्यार

कुछ समझते है, कुछ कहते है
कुछ प्यार में ही खुश रहते है
कुछ प्यार के लिए सब सहते है|

क्या सच में मज़बूत है ये जबकि ये पतली सी डोर है
कैसे ये नहीं बिखर जाती है जब ये इतनी कमज़ोर है
शायद इतनी मजबूती इसने हमारे विश्वास से ही पाई है
इतना झगडे, इतना लड़े हम पर इसमें गाँठ न  लग पायी है

सोचा था की ज़िन्दगी में सदा प्यार से दूर  रहूँगा
सोचा था की सबको दुखी देखा, मैं ये दुःख नहीं सहूंगा
पर पता नहीं था की प्यार का कोई आधार नहीं hota
सोच समझ के, जांच परख के प्यार नहीं होता

ये भी सोचा की इतना दुःख पा कर भी लोग प्यार में है
कही ऐसा तो नहीं की मजबूर है, या किसी मझधार में है
या सच जब भी प्यार करो, गम ही उसकी सजा है
जब खुदको हुआ तब ये जाना की गम में कुछ ख़ास मज़ा है

ये दुःख भी ऐसा है जो चेहरे पे ख़ुशी लाता है
जब जिधर देखो बस हर तरफ बस वो ही नज़र आता है
दिल में गम है होंठो पे हसी ये प्यार ही बस कर सकता है
इस रिश्ते का कुछ नाम नहीं पर यार तेरा रब लगता है

कहने को बस एक शब्द है ये पर अजब ही इसकी माया है
जग को लगता सब कुछ खोया, मुझे पता मैंने क्या पाया है
ये प्यार ही है जिसमे कुछ नफा नुक्सान नहीं
बस कह देना आसान है पर प्यार करना आसान नहीं

प्यार, समझ और दुनियादारी इनका ना कभी कोई मेल हुआ
जब जब बाँधा इनको संग में, रिश्तों का बस कुछ खेल हुआ
प्रेम भाव का मोल नहीं जो इसका तुम व्यापार करो
किस्मत से मिलता है मौका, जब मिले सिर्फ तुम प्यार करो

फिर कहता हु तू धयान से सुन
और मन को लगा कुछ ऐसी ही धुन
सब एक कहे, तू समझ हज़ार
कहने को बस एक शब्द है प्यार

कहने को बस एक शब्द है प्यार
कहने को बस एक शब्द है प्यार

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