तुझसे मिलने को बेताब हूँ मैं, सोचा खुद को मैं पाउँगा
पर ज़रा सा भी अहसास न था, मिल के और भी खो जाऊंगादो दिन थे वो या दो पल थे, बस आँख खुली और हवा हुए
यादें रह गयी खुशबू की तरह, मिलने के गुल तो फ़ना हुए
जो शुरू हुआ थे बस यु ही, वो रिश्ता आज रूहानी है
तू संग मेरे अहसान तेरा, तू सच में मेरी कहानी है
तुझको देखा खुदको पाया, ये बात नहीं सच्चाई है
माँ कुछ कम थी किस्मत में मेरी, शायद तू इसीलिए आई है
तेरी ये हँसी मुस्कान मेरी, तेरा होना है घनी छाया
मेरा सपना है तेरा सपना, तेरे बिन मैं मैं न रह पाया
कल मैं न रहू जो संग तेरे, तू अपनी हँसी को मत खोना
आखिर ये हँसी ही कहती है, कितना सच है मेरा होना
सोचा था मैंने एक दिन, मैं तो हवा हूँ बह जाऊंगा
पर किसको था अहसास ये की तुझसे मिला और जड़ हो जाऊंगा
तुझसे मिलने को बेताब हूँ मैं, सोचा खुद को मैं पाउँगा
पर ज़रा सा भी अहसास न था, मिल के और भी खो जाऊंगा
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