Thursday, May 9, 2013

समझो तुम्हे प्यार हो गया

जब दिल ज़रा खुश सा रहे 
आंसू ज़रा कुछ कम बहे 
दुनिया मैं गुल ही गुल से हो 
बातें जब उस बुलबुल से हो 
जब दुःख लगे की खो गया 
समझो तुम्हे प्यार  हो गया 

ताने भी जब मुस्कान दे 
नाकामी भी आराम दे 
दुश्मन भी अपने से लगे 
सब गैर हो जैसे सगे 
सुकून आ गया, गम वो गया 

समझो तुम्हे प्यार  हो गया 

लड़ने मैं भी आये मज़ा 
न बात हो तो जैसे सजा 
उनकी ख़ुशी जब हो अहम् 
करने लगो सारे वहम 
उसने देखा और मैं खो गया 
समझो तुम्हे प्यार  हो गया 

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