कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
कभी तो लौट कर आ, मुझे हर बार मनाने वालेकभी तो लौट कर आ, खुद हार के मुझे जिताने वाले
कभी तो लौट कर आ, मेरी पलकों को भीगाने वाले
तेरे इंतज़ार में, बस तेरे आने के ऐतबार में हूँ
तुझे पता भी नहीं की में तेरे इख्तियार में हूँ
मुझे बना के अपना आदी, अब मुझको सताने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
कहा नहीं कभी तुने की तू लौट आएगी
मगर ऐसा भी कब कहा की नहीं आएगी
जवाब होंटो से नहीं, नजरो से बताने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
मैं कैसे मान लू तेरी की तू नहीं मेरी
मैं कैसे मान लू की आ गयी हम में दूरी
मैंने तो ये सुना नहीं, हर बात मुझे सुनाने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
जो जा रहा था अगर तू, मुझो तो बताया होता
कोई कतरा कहीं गम का, कोई आंसू तो गिराया होता
मेरी ख़ुशी के लिए, अपने आंसू छुपाने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
मुझे यकीन नहीं अब तक, तू अब करीब नहीं
लगा नहीं सूना कभी, कभी अजीब नहीं
मेरे जिगर से आज भी अपनी बातें मुझे सुनाने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले
कभी तो लौट कर आ, लौट कर न आने वाले ..........
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