Saturday, February 5, 2011

जो गम मेरे दिल में है क्यों वो तेरी आँखों में नहीं है......

जो गम मेरे दिल में है क्यों वो तेरी आँखों में नहीं है
मैं सोचता रहता हु तुझे दिन रात, तुझे मेरे होने का अहसास भी नहीं है

याद कर ज़रा वो ज़माना जब तु साथ मेरे थी हरदम
उठे थे संग चले भी संग, हम तुम सदा थे हमकदम
है आज तु अकेली हो गया तुझे कैसे ये वहम
मर्ज़ी नहीं है तेरी या मेरी अपना रिश्ता है खुदा का करम

मैं कोई सामान नहीं, ना तेरा कोई पुराना खिलौना था
मुझे था ये अहसास नहीं की ऐसा भी एक दिन होना था
तेरे मुड़ते ही ये सारा जहान बिखर गया
जिस्म जिंदा है कहने को आज भी पर  दिल कभी का मर गया 



जो गम मेरे दिल में है क्यों वो तेरी आँखों में नहीं है
मैं सोचता रहता हु तुझे दिन रात, तुझे मेरे होने का अहसास भी नहीं है 

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