तेरा इंतज़ार भी एक काम है
शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
अब तक जो तुने किया वो समझा की तेरा फ़र्ज़ था
शायद मेरा ही पुराना किसी जन्म का क़र्ज़ था
कभी सोचा नहीं की तुझे इंतजार करना भी ठीक नहीं
पर जब तक खुद पर ना हो जीवें में कोई सीख नहीं
कल तुम इंतज़ार करते थे आज में इंतज़ार करता हु
कही मैं करता रहू इंतज़ार और तुम ना आओ इसी बात से डरता हु
पर शायद इस विश्वास का ही प्यार नाम है
शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
कभी आप कहते थे की मत करो मुझसे लड़ाई–फसाद
एक रोज़ चली जाउंगी तो करते रहना याद
मैं ये सुन कर हँसता था की आप कहाँ जाओगे
रिश्ता है हमारा ऐसा की लौट की वापिस आओगे
लगता है की दुआ आपकी खुदा ने आप को अता की
मेरा नहीं आप पर हक ये बात भी मुझे जता दी
शायद आप आज उतने करीब नहीं और हाथ मैं गम का जाम है
शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
कभी सोचा ना था की में आपको याद करूँगा
आपके भी ना जी पाउँगा ना ही मरूँगा
पर कहते है की स्वर्ग नरक यही है
अब लगता है की ये बात भी सही है
खुदा जो ले रहा है वो आप ही का इंतकाम है
शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
सच है की रिश्ता हमारा था एक दम सच्चा
तभी ना में तुम्हारा बुरा मांग सकता हु ना ही अच्छा
मेरा दिल कहता है आप आओगे पर आपके क्या खयाला है
क्या आपका भी मुझ जैसा हाल है
अगर सच में ऐसा है तो क्यों ये रिश्ता अब तक अनाम है
सच में शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
सोचने की बात है की क्या हम इतने मजबूर है
क्या सच में ये हमारा ही कसूर है
क्या सोचा सब का यही हमारी भूल है
अब क्या दुखी रहना जीवन का उसूल है
अगर है भी तो में इसको नहीं मानता
कोई कुछ भी कहे में उसको नहीं जानता
मैं वो करूँगा जो मेरे लिए अच्छा है
अमल करूँगा उसपर तो दिल के लिए सच्चा है
दिल अब खुला है, अब ना कोई लगाम है
शायद ज़िन्दगी में ये भी कोई मुकाम है
Saturday, August 28, 2010
एक दिन
एक दिन अचानक घुमते घुमते मुझसे कोई टकरा गया
जानी पहचानी लगी शक्ल से थोडा सा चकरा गया
सोचा की कहीं तो इस को देखा है, क्या हमारी जान पहचान है
क्या ये मेरे परिवार का या रिश्तेदारों में से कोई इंसान है
क्या ये पहचान का है, या है कोई गुमशुदा
सोचा भी नहीं था मैंने की सामने दिख रहा है मुझे खुदा
खुदा ने पूछा की कहा चोट तो नहीं लगी है
क्या जिसे में ढूँढ रहा हु वो यही कही है
मैंने पुछा की क्या आप मेरे लिए आये हो
आप तो सारे संसार के मालिक हो, मेरे लिए क्या लाये हो
वो बोले की क्या सदा मुझे ही आना होगा
हर बार तेरी मुश्किल से मुझे ही बचाना होगा
कब तक तू बार बार हर बात में मुझे बुलाएगा
तुझे पता क्या चल गया की में तुझसे प्यार करता हु
क्या हर बार मुझे ही सताएगा
कुछ तो ऐसा कर की मुझे लगे तुने किया है कुछ विचार
मैंने कहा की आपकी मदद के बिना ही मैंने किया है प्यार
मैंने खोज ली ऐसी लड़की जो मेरा आपसा ख्याल रखती है
जितना में उस पे जीता हु उतना वो मुझपे मरती है
आपने मुझे जन्म दिया और ये संसार दिखाया
उसने मुझसे मिलकर मुझे जीवन जीना सिखाया
आपने हर पल मुझे जीवन में हर अधिकार दिलाया
उसने मेरे साथ रह कर हर बार वक़्त पे मुझे खाना खिलाया
आपने सदा मुझ पर रखा आपना हाथ
आप ही की तरह मेरे हर सुख-दुःख में थी वो मेरे साथ
आपने दुनिया को कहा की परेशान न करे मुझे कोई
जब भी में हुआ दुखी, हर बार वो मेरे साथ रोई
मैंने जब भी पलट के देखा आप मेरे साथ थे
और जब साथ में देखा तो मेरे हाथों में में उसके हाथ थे
आपने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा
उसने भी मेरी मुश्किल में मुझसे मुह नहीं मोड़ा
क्यों आज ये सवाल आया की में आप दोनों में से एक को थाम लू
क्यों कहा मुझे की आप में से एक का नाम लू
वो बोले की पागल मैंने कब कहा की एक को चुन ले
पहले मेरी पूरी बात तो सुन ले
मुझे हमेशा पता था की तेरा उससे क्या नाता है
मैं तेरा पिता हु, क्या मुझे इतना भी समझ नहीं आता है
मैंने तो तुझे बताने आया था की मैंने सोचा है की खत्म कर दू तेरी जुदाई
पर तू तो प्यार मैं पागल है और कर रहा मुझसे ही लड़ाई
अगर मैं तुझे न जानता तो नाराज़ हो जाता
लौट जाता और वापिस भी नहीं आता
पर मैं जानता हु की तेरे लिए उसने क्या किया
जा आज जो तुने माँगा वो मैंने तुझे दिया
कुछ वक़्त लगेगा पर तुझे ये ज़रुर मिलेगा
जल्दी आएगा दिन जब तेरा चेहरा फिर खिलेगा
आएगी तेरे जीवन में फिर बहार
मिलेगा ज़रूर तुझे जो है तेरा प्यार
तू जनता है मैं की तेरा दुःख नहीं देख सकता
वैसे भी तेरे आरमान ज्यादा देर नहीं रोक रखता
वरना तू फिर से लड़ाई शुरू करेगा
लाडला है मेरा जो चाइये वो लेकर ही रहेगा
मैंने सोचा की थोडा रुक कर लूँगा थोडा और ज्ञान
सामने देखा तो प्रभु हो गए अंतर्ध्यान
जाने से पहले मुझे बताया की फूल फिर खिलेगा
मुझे जो चाइये वो जल्दी ही और ज़रूर मिलेगा
आज एक और बार भगवान् पे विश्वास हुआ मज़बूत
वो देते है जो मांगो सच्चे दिल से, इसका मिला सबूत
आप को आना होगा अगर आप ना चाहो भी
क्यूँकी भगवान से हमारी किस्मत फिर से एक साथ लिख दी
आपने माँगा नहीं पर अपना आरमान एक जैसा था
आखिर ये ख्वाब हमने साथ देखा था
कुछ वक़्त की मुलाकात में नसीब खिल गए
एक दिन बाज़ार में भगवान मिल गए......
जानी पहचानी लगी शक्ल से थोडा सा चकरा गया
सोचा की कहीं तो इस को देखा है, क्या हमारी जान पहचान है
क्या ये मेरे परिवार का या रिश्तेदारों में से कोई इंसान है
क्या ये पहचान का है, या है कोई गुमशुदा
सोचा भी नहीं था मैंने की सामने दिख रहा है मुझे खुदा
खुदा ने पूछा की कहा चोट तो नहीं लगी है
क्या जिसे में ढूँढ रहा हु वो यही कही है
मैंने पुछा की क्या आप मेरे लिए आये हो
आप तो सारे संसार के मालिक हो, मेरे लिए क्या लाये हो
वो बोले की क्या सदा मुझे ही आना होगा
हर बार तेरी मुश्किल से मुझे ही बचाना होगा
कब तक तू बार बार हर बात में मुझे बुलाएगा
तुझे पता क्या चल गया की में तुझसे प्यार करता हु
क्या हर बार मुझे ही सताएगा
कुछ तो ऐसा कर की मुझे लगे तुने किया है कुछ विचार
मैंने कहा की आपकी मदद के बिना ही मैंने किया है प्यार
मैंने खोज ली ऐसी लड़की जो मेरा आपसा ख्याल रखती है
जितना में उस पे जीता हु उतना वो मुझपे मरती है
आपने मुझे जन्म दिया और ये संसार दिखाया
उसने मुझसे मिलकर मुझे जीवन जीना सिखाया
आपने हर पल मुझे जीवन में हर अधिकार दिलाया
उसने मेरे साथ रह कर हर बार वक़्त पे मुझे खाना खिलाया
आपने सदा मुझ पर रखा आपना हाथ
आप ही की तरह मेरे हर सुख-दुःख में थी वो मेरे साथ
आपने दुनिया को कहा की परेशान न करे मुझे कोई
जब भी में हुआ दुखी, हर बार वो मेरे साथ रोई
मैंने जब भी पलट के देखा आप मेरे साथ थे
और जब साथ में देखा तो मेरे हाथों में में उसके हाथ थे
आपने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा
उसने भी मेरी मुश्किल में मुझसे मुह नहीं मोड़ा
क्यों आज ये सवाल आया की में आप दोनों में से एक को थाम लू
क्यों कहा मुझे की आप में से एक का नाम लू
वो बोले की पागल मैंने कब कहा की एक को चुन ले
पहले मेरी पूरी बात तो सुन ले
मुझे हमेशा पता था की तेरा उससे क्या नाता है
मैं तेरा पिता हु, क्या मुझे इतना भी समझ नहीं आता है
मैंने तो तुझे बताने आया था की मैंने सोचा है की खत्म कर दू तेरी जुदाई
पर तू तो प्यार मैं पागल है और कर रहा मुझसे ही लड़ाई
अगर मैं तुझे न जानता तो नाराज़ हो जाता
लौट जाता और वापिस भी नहीं आता
पर मैं जानता हु की तेरे लिए उसने क्या किया
जा आज जो तुने माँगा वो मैंने तुझे दिया
कुछ वक़्त लगेगा पर तुझे ये ज़रुर मिलेगा
जल्दी आएगा दिन जब तेरा चेहरा फिर खिलेगा
आएगी तेरे जीवन में फिर बहार
मिलेगा ज़रूर तुझे जो है तेरा प्यार
तू जनता है मैं की तेरा दुःख नहीं देख सकता
वैसे भी तेरे आरमान ज्यादा देर नहीं रोक रखता
वरना तू फिर से लड़ाई शुरू करेगा
लाडला है मेरा जो चाइये वो लेकर ही रहेगा
मैंने सोचा की थोडा रुक कर लूँगा थोडा और ज्ञान
सामने देखा तो प्रभु हो गए अंतर्ध्यान
जाने से पहले मुझे बताया की फूल फिर खिलेगा
मुझे जो चाइये वो जल्दी ही और ज़रूर मिलेगा
आज एक और बार भगवान् पे विश्वास हुआ मज़बूत
वो देते है जो मांगो सच्चे दिल से, इसका मिला सबूत
आप को आना होगा अगर आप ना चाहो भी
क्यूँकी भगवान से हमारी किस्मत फिर से एक साथ लिख दी
आपने माँगा नहीं पर अपना आरमान एक जैसा था
आखिर ये ख्वाब हमने साथ देखा था
कुछ वक़्त की मुलाकात में नसीब खिल गए
एक दिन बाज़ार में भगवान मिल गए......
Thursday, August 26, 2010
एक कहानी छोटी सी
एक कहानी छोटी सी आज में तुमसे कहता हु
बात शायद उस शहर की है जहाँ में आज भी रहता हु.
बहुत दिन पहले मैंने एक दिन देखा इंसान में अपने भगवान को
आज तक भूल नहीं पाया उसके उस दिन के अहसान को
उसके रूप में धुप नहीं थी उसने चाँद सी शीतलता पाई थी
देखा उसको और लगा की मेरा नाम लिख कर दुनिया में आई थी
हिम्मत नहीं हुई की उसके आगे अपना नाम लेता
शायद नाम जानता तो अपनी कल्पना की उड़ान को कुछ थाम लेता
पर शायद नाम से पहले ही मुझको प्यार हुआ
हाँ है ये बात और की न कभी उसका इज़हार हुआ.
पर क्या ज़रूरी है की प्यार करके बताया जाये
हर बार मन की बातो को दुनिया के सामने जताया जाये
क्या प्यार था मुझे इतना ही काफी नहीं
क्या इस गुनाहे अज़ीम की सच में कोई माफ़ी नहीं.
बहुत दिन बीत गए और शायद मैंने उसको भुला दिया
आरमानो को जगा के रखा प्यार को अपने सुला दिया
फिर मौसम बदला एक दिन और वो आई मेरे सामने
पहचाना नहीं एक पल को उसे पर भगवान लगे हाथ थामने
पूरी रात की कोशिश की उसकी एक औ झलक दिख जाए
शायद उस रात में ही आने वाली ज़िन्दगी के सपने सजाये
उस दिन फिर से जीने का अरमान जागने लगा
वो मिल जाये मुझे बस यही दुआ मांगे लगा
वो मिली हम लड़े और प्यार भी बहुत किया
शायद पूरी ज़िन्दगी को कुछ ही पलों में जीया
मत हो परेशान की अब अँधेरा है और नहीं कोई प्रकाश है
सोच लो की मिला तुम्ह कुछ दिन का अवकाश है
आखिर थोड़ी सी ज़मीन पे क्या लड़ना, मेरे पास तो सारा आकाश है
मैं अब खुश हु क्यूंकि आजकल आपके ख्याल में रहता हु
एक कहानी छोटी सी आज में तुमसे कहता हु
एक कहानी छोटी सी आज में तुमसे कहता हु
बात शायद उस शहर की है जहाँ में आज भी रहता हु.
बहुत दिन पहले मैंने एक दिन देखा इंसान में अपने भगवान को
आज तक भूल नहीं पाया उसके उस दिन के अहसान को
उसके रूप में धुप नहीं थी उसने चाँद सी शीतलता पाई थी
देखा उसको और लगा की मेरा नाम लिख कर दुनिया में आई थी
हिम्मत नहीं हुई की उसके आगे अपना नाम लेता
शायद नाम जानता तो अपनी कल्पना की उड़ान को कुछ थाम लेता
पर शायद नाम से पहले ही मुझको प्यार हुआ
हाँ है ये बात और की न कभी उसका इज़हार हुआ.
पर क्या ज़रूरी है की प्यार करके बताया जाये
हर बार मन की बातो को दुनिया के सामने जताया जाये
क्या प्यार था मुझे इतना ही काफी नहीं
क्या इस गुनाहे अज़ीम की सच में कोई माफ़ी नहीं.
बहुत दिन बीत गए और शायद मैंने उसको भुला दिया
आरमानो को जगा के रखा प्यार को अपने सुला दिया
फिर मौसम बदला एक दिन और वो आई मेरे सामने
पहचाना नहीं एक पल को उसे पर भगवान लगे हाथ थामने
पूरी रात की कोशिश की उसकी एक औ झलक दिख जाए
शायद उस रात में ही आने वाली ज़िन्दगी के सपने सजाये
उस दिन फिर से जीने का अरमान जागने लगा
वो मिल जाये मुझे बस यही दुआ मांगे लगा
वो मिली हम लड़े और प्यार भी बहुत किया
शायद पूरी ज़िन्दगी को कुछ ही पलों में जीया
मत हो परेशान की अब अँधेरा है और नहीं कोई प्रकाश है
सोच लो की मिला तुम्ह कुछ दिन का अवकाश है
आखिर थोड़ी सी ज़मीन पे क्या लड़ना, मेरे पास तो सारा आकाश है
मैं अब खुश हु क्यूंकि आजकल आपके ख्याल में रहता हु
एक कहानी छोटी सी आज में तुमसे कहता हु
एक कहानी छोटी सी आज में तुमसे कहता हु
Wednesday, August 25, 2010
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
कल फिर सबसे बचते बचाते मेरी आँखों ने उनको दूंढ लिया
जिस सवाल से सबको ऐतराज़ है वो सवाल फिर से पूछ लिया
उनकी आँखें झुक गयी और फिर पलके भारी होने लगी
मेरी आँखों को लगा जैसे उनकी आँखें रोने लगी
जब उनकी आँखें उठी तो किनारे सुर्ख और पलके गीली थी
कोशिश की ख़ुशी दिखाने की पर आँखे सीली थी
मेरी आँखों ने कहा की किस बात का दुःख है
हमारी आँखें साथ साथ है ये क्या कम सुख है
आखिर मेरी आँखों ने तो कोई सवाल भी नहीं किया
शायद जो तुम्हे लगा वो तुम्हारी आँखों का वहम था या कोई धोका था
मैंने तो जान बूझ कर अपनी आँखों को सवाल पूछने से रोका था
जानता हु की कुछ सवालों के जवाब आपके पास भी नहीं है
आखिर जो हुआ वो कहानी तो खुदा ने लिखी है
पर शायद आपकी आँखों ने मेरी आँखों से वो सवाल चुरा के पढ़ा
एक बार फिर खो गयी यादों में, एक बार फिर वही गम सहा
क्या सच में आँखों पे कोई काबू नहीं है
क्या इनका यु सवाल पूछते रहना सही है
क्या पहले ये आँखें सच में चुप रहती थी
जो भी होता है उसको याद करके बाद में बहती थी
आंसू का मतलब कभी ख़ुशी और कभी गम होता है
पर क्या हमेशा आंसू आँखों से बहता है
क्या आँखों को रोते छोड़ के आत्मा चुप चाप सोती है
या कभी कभी आँखों सूखी रहती है और आत्मा रोती है
मैं शायद इतना ज्ञानी नहीं की आत्मा का राज खोलू
मैं तो इतना भी नहीं कर सकता की अपनी आँखों को सवाल करने से रोकू
आँखें मुझसे पूछ कर आपको अपने सवाल से नहीं सताती है
जितना बार खुद से सवाल पूछती है उतनी बार मुझे भी रूलाती है
ये भी जानती है की कुछ सवालों के जवाब कोई नहीं बताता है
पर वो सवाल सदा आँखों को सताता है
सवाल पूछना आसन है पर जवाब देना मुश्किल है
क्या आँखों के हर सवाल का जवाब मुमकिन है
ऐसा तो नहीं की ये सिर्फ सवाल पूछ कर के आपको परेशान करती हो
या कही आप सवाल न पूछ लो इस बात से डरती हो
शायद मन का डर आँखों से नहीं छुपा है
और इसी लिए आँखों से सवाल पूछना शुरू किया है
खुद तो रो रो कर ये पत्थर हो गयी है
सारे आंसू सूख गए और सुर्ख से सफ़ेद हो गए है
आपके आँखों में आपने आप को देख कर काबू नहीं रख पाती है
जानते हुए भी की कोई जवाब नहीं मिलेगा फिर सवाल पूछ जाती है
आप परेशान न हो में इन्हें अच्छे से समझा दूंगा
अगर फिर सवाल पूछा तो शायद सदा के लिए इन्हें बंद कर लूँगा
शायद मेरे ये सवाल मेरे साथ ही जल जायेंगे या बह जायेंगे रोते रोते
क्यूंकि सच है की हर सवाल के जवाब नहीं होते
ये समझाता जाता हु में हर बार पर ये आँखे अब मुझसे भी नहीं डरती है
जब भी देख लेती है आपकी आँखों को फिर वही सवाल करती है
आपकी भी आँखें झुक कर इनको बताती है
इतना जल्दी हार मत मनो क्यूंकि ज़िन्दगी अभी बाकी है
जब तक हार न हो मानो की जीत है
आखिर आँखों को आज भी आँखों से प्रीत है
कोशिश करूँगा अगली बार जब ये आपको दूंढ ले तो सवाल न करे
ये तो सूख गयी है पर कम से कम आपकी आँखें न भरे
पर आपको देख इनको याद आता पुराना वक़्त जब ये रिश्ता ठहरा नहीं था
एक था वो भी वक़्त जब आँखों पे कोई पहरा नहीं था
आज कल दुनिंय भी आँखों में कुछ टटोलती है
क्या ये उनकी याद में बह रही है, अक्सर ये बोलती है
मैं फिर कहता हु की नहीं आँख में कुछ गिर गया है
वो कहते है की तू सोचता है की हमारा दिमाग फिर गया है
अगर कुछ गिरा तो दोनों आँखें क्यों लाल है
पूछना चाहते है मुझसे वो की आपकी आँखों का क्या हाल है
मेरी आँखें चुप चाप सवाल टाल देती है,
चुप और गुमसुम रह कर अकेले में रो लेती है
क्या कभी आपकी आँखों ने नहीं किया मेरी आँखों का इंतज़ार
क्या सिर्फ मेरी आँखों को हुआ था आपकी आँखों से प्यार
प्यार का इज़हार तो आपकी आँखों ने भी किया था
मुझे याद है मेरी आँखों ने आपकी आँखों से कोई वादा लिया था
क्या वो वादा था की सारी ज़िन्दगी साथ बिताएंगे
या कुछ ऐसा था की कुछ भी हो आँखें नहीं चुरायेंगे
क्या कुछ कहा था ऐसा की हम मिले या नहीं पर करेंगे इंतज़ार
किसी को देखे या न देखे करते रहेंगे प्यार
मुझे नहीं पता क्यूंकि में आँखों की भाषा नहीं जानता हु
मेरी आँखों ने किये जो सवाल उनके लिए माफ़ी मांगता हु
बेवजह आपही आँखों को भिगो दिया
आज तक सदा दुःख दिया और अब भी रुला दिया
एक रात सोते सोते मेरी आँखों ने मुझसे कहा की जानता है की उसकी आँखें हमे क्या जवाब देती है
वो आज भी हम में झाँक कर तेरे दिल का हाल जान लेती है
हमे आज भी उनसे मिलने का फितूर है
आखिर जो हुआ तुम्हारे बीच हुआ, उसमे हमारा क्या कसूर है
अब में क्या समझाता की जो हुआ उसमे किसने किसका दोष पाया
इतने में मुझे एक पल को होश आया, हो आया अपनी समझ पे शक
आखिर होती कौन है ये आँखें, किसने दिया सवाल पूछने का हक
फिर याद आया की आपको देखा था दिन में, याद में आपकी ये मुझे और भी सताती है
आज भी आपको देख कर ये बेकाबू हो जाती है
आज भी मुझसे ज्यादा इन पर आपका इख्तियार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
जिस सवाल से सबको ऐतराज़ है वो सवाल फिर से पूछ लिया
उनकी आँखें झुक गयी और फिर पलके भारी होने लगी
मेरी आँखों को लगा जैसे उनकी आँखें रोने लगी
जब उनकी आँखें उठी तो किनारे सुर्ख और पलके गीली थी
कोशिश की ख़ुशी दिखाने की पर आँखे सीली थी
मेरी आँखों ने कहा की किस बात का दुःख है
हमारी आँखें साथ साथ है ये क्या कम सुख है
आखिर मेरी आँखों ने तो कोई सवाल भी नहीं किया
शायद जो तुम्हे लगा वो तुम्हारी आँखों का वहम था या कोई धोका था
मैंने तो जान बूझ कर अपनी आँखों को सवाल पूछने से रोका था
जानता हु की कुछ सवालों के जवाब आपके पास भी नहीं है
आखिर जो हुआ वो कहानी तो खुदा ने लिखी है
पर शायद आपकी आँखों ने मेरी आँखों से वो सवाल चुरा के पढ़ा
एक बार फिर खो गयी यादों में, एक बार फिर वही गम सहा
क्या सच में आँखों पे कोई काबू नहीं है
क्या इनका यु सवाल पूछते रहना सही है
क्या पहले ये आँखें सच में चुप रहती थी
जो भी होता है उसको याद करके बाद में बहती थी
आंसू का मतलब कभी ख़ुशी और कभी गम होता है
पर क्या हमेशा आंसू आँखों से बहता है
क्या आँखों को रोते छोड़ के आत्मा चुप चाप सोती है
या कभी कभी आँखों सूखी रहती है और आत्मा रोती है
मैं शायद इतना ज्ञानी नहीं की आत्मा का राज खोलू
मैं तो इतना भी नहीं कर सकता की अपनी आँखों को सवाल करने से रोकू
आँखें मुझसे पूछ कर आपको अपने सवाल से नहीं सताती है
जितना बार खुद से सवाल पूछती है उतनी बार मुझे भी रूलाती है
ये भी जानती है की कुछ सवालों के जवाब कोई नहीं बताता है
पर वो सवाल सदा आँखों को सताता है
सवाल पूछना आसन है पर जवाब देना मुश्किल है
क्या आँखों के हर सवाल का जवाब मुमकिन है
ऐसा तो नहीं की ये सिर्फ सवाल पूछ कर के आपको परेशान करती हो
या कही आप सवाल न पूछ लो इस बात से डरती हो
शायद मन का डर आँखों से नहीं छुपा है
और इसी लिए आँखों से सवाल पूछना शुरू किया है
खुद तो रो रो कर ये पत्थर हो गयी है
सारे आंसू सूख गए और सुर्ख से सफ़ेद हो गए है
आपके आँखों में आपने आप को देख कर काबू नहीं रख पाती है
जानते हुए भी की कोई जवाब नहीं मिलेगा फिर सवाल पूछ जाती है
आप परेशान न हो में इन्हें अच्छे से समझा दूंगा
अगर फिर सवाल पूछा तो शायद सदा के लिए इन्हें बंद कर लूँगा
शायद मेरे ये सवाल मेरे साथ ही जल जायेंगे या बह जायेंगे रोते रोते
क्यूंकि सच है की हर सवाल के जवाब नहीं होते
ये समझाता जाता हु में हर बार पर ये आँखे अब मुझसे भी नहीं डरती है
जब भी देख लेती है आपकी आँखों को फिर वही सवाल करती है
आपकी भी आँखें झुक कर इनको बताती है
इतना जल्दी हार मत मनो क्यूंकि ज़िन्दगी अभी बाकी है
जब तक हार न हो मानो की जीत है
आखिर आँखों को आज भी आँखों से प्रीत है
कोशिश करूँगा अगली बार जब ये आपको दूंढ ले तो सवाल न करे
ये तो सूख गयी है पर कम से कम आपकी आँखें न भरे
पर आपको देख इनको याद आता पुराना वक़्त जब ये रिश्ता ठहरा नहीं था
एक था वो भी वक़्त जब आँखों पे कोई पहरा नहीं था
आज कल दुनिंय भी आँखों में कुछ टटोलती है
क्या ये उनकी याद में बह रही है, अक्सर ये बोलती है
मैं फिर कहता हु की नहीं आँख में कुछ गिर गया है
वो कहते है की तू सोचता है की हमारा दिमाग फिर गया है
अगर कुछ गिरा तो दोनों आँखें क्यों लाल है
पूछना चाहते है मुझसे वो की आपकी आँखों का क्या हाल है
मेरी आँखें चुप चाप सवाल टाल देती है,
चुप और गुमसुम रह कर अकेले में रो लेती है
क्या कभी आपकी आँखों ने नहीं किया मेरी आँखों का इंतज़ार
क्या सिर्फ मेरी आँखों को हुआ था आपकी आँखों से प्यार
प्यार का इज़हार तो आपकी आँखों ने भी किया था
मुझे याद है मेरी आँखों ने आपकी आँखों से कोई वादा लिया था
क्या वो वादा था की सारी ज़िन्दगी साथ बिताएंगे
या कुछ ऐसा था की कुछ भी हो आँखें नहीं चुरायेंगे
क्या कुछ कहा था ऐसा की हम मिले या नहीं पर करेंगे इंतज़ार
किसी को देखे या न देखे करते रहेंगे प्यार
मुझे नहीं पता क्यूंकि में आँखों की भाषा नहीं जानता हु
मेरी आँखों ने किये जो सवाल उनके लिए माफ़ी मांगता हु
बेवजह आपही आँखों को भिगो दिया
आज तक सदा दुःख दिया और अब भी रुला दिया
एक रात सोते सोते मेरी आँखों ने मुझसे कहा की जानता है की उसकी आँखें हमे क्या जवाब देती है
वो आज भी हम में झाँक कर तेरे दिल का हाल जान लेती है
हमे आज भी उनसे मिलने का फितूर है
आखिर जो हुआ तुम्हारे बीच हुआ, उसमे हमारा क्या कसूर है
अब में क्या समझाता की जो हुआ उसमे किसने किसका दोष पाया
इतने में मुझे एक पल को होश आया, हो आया अपनी समझ पे शक
आखिर होती कौन है ये आँखें, किसने दिया सवाल पूछने का हक
फिर याद आया की आपको देखा था दिन में, याद में आपकी ये मुझे और भी सताती है
आज भी आपको देख कर ये बेकाबू हो जाती है
आज भी मुझसे ज्यादा इन पर आपका इख्तियार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
आखिर आँखों को आँखों से प्यार है
तेरी आँखें
कही सुना था की मन की बात चेहरा बताता है
जो भी हमने सोचा है उसको पल में जताता है.
तुझे तो शायद पूरे चेहरे की भी नहीं ज़रुरत
क्यूंकि तेरी पास है वो आँखें, जो है जग में सबसे खूबसूरत.
दिख जाता है इनमे सारा प्यार, तकलीफ और सारा जूनून
कह भी नहीं सकता की इनमे देख कर मिलता है कितना सुकून.
कभी सोचा है की तुमने इतनी बड़ी आँखें क्यों पाई है.
आखिर मेरे लिए सारी ममता इन में समायी है.
इतनी बड़ी आँखों में दिख जाता है तुम्हारे दिल का हाल
देख सकता हु में की मेरी तरह ही रहता है तुम्हे हमेशा मेरा ख्याल.
शायद कुछ लोगों को तुम्हारी आँखें झील सी लगे
कुछ को लगता हो की इनमे देख ले तो ज़िन्दगी आराम से कटे
कुछ शायद कहते हो की ये खुदा की नियामत है
पर जनता हु में की इनमे बसा हु मैं और इनमे झलकता प्यार मेरी अमानत है.
मेरे लिए तो ये आँखें तुम्हारा प्यार दिखने का तरीका है
आखिर झुकी आँखों से प्यार का इज़हार करना भी मैंने तुमसे ही सीखा है.
कभी सोचता हु की हमारी कहानी मैं ये आँखों ने क्या किया है
फिर आता है याद की पहला प्यार का वादा मैंने इनको ही दिया है.
इनकी वजह से मैंने जाना की तुम्हे मेरे प्यार पे ऐतबार है
इन्ही ने की चुगली और बताया की तुम्हे मुझसे कितना प्यार है.
मेरे लिए ये आँखें भगवान् का घर है, खुदा का दरबार है
आखिर इनमे झाँक के होता है सद्दा अहसास की तुम्हे आज भी मुझसे कितना प्यार है.
एक गुजारिश है की मुझसे आँखें फेर के मुझे कभी मत सताना
अगर न आना चाहो वापिस तो भी मुझे मत बताना.
अगर कुछ ऐसा कहोगे भी तो मैं आँखों में देखूंगा
और बता दूंगा की तुम्हे अब भी प्यार है और हँसते हँसते ये असत्य भी सह लूँगा.
पर खुदा न करे की तुम कहो की इंतजार करो क्यूंकि तुम आने वाली हो
और जब मैं आँखों से पुछु तो उनमे प्यार न हो और वो खाली हो
जानता हु की ऐसा नहीं होगा क्यूंकि आँखों में मैं सदा रहता हु
बहुत भरोसा है तुम पे इसी लिए ये बार बार कहता हु.
फर्क नहीं पड़ता की कोई क्या कहेगा
क्युकी ये आँखों का जोड़ा एक दिन मिलके रहेगा.
एक दिन इन आँखों को वो मिलेगा जो उनका अधिकार है
उस दिन चुप के नहीं खुल कहेंगी, ये की हमको प्यार है.
सच में ये आँखें बहुत कुछ बोलती है
शायद वो राज जो तुम छुपाना चाहती वो भी मेरे सामने खोलती है.
अजीब सी बात है पर मुझे इस पर ऐतबार है
तुम्हे हो न हो तुम्हारी आँखों को मुझसे प्यार है...
जो भी हमने सोचा है उसको पल में जताता है.
तुझे तो शायद पूरे चेहरे की भी नहीं ज़रुरत
क्यूंकि तेरी पास है वो आँखें, जो है जग में सबसे खूबसूरत.
दिख जाता है इनमे सारा प्यार, तकलीफ और सारा जूनून
कह भी नहीं सकता की इनमे देख कर मिलता है कितना सुकून.
कभी सोचा है की तुमने इतनी बड़ी आँखें क्यों पाई है.
आखिर मेरे लिए सारी ममता इन में समायी है.
इतनी बड़ी आँखों में दिख जाता है तुम्हारे दिल का हाल
देख सकता हु में की मेरी तरह ही रहता है तुम्हे हमेशा मेरा ख्याल.
शायद कुछ लोगों को तुम्हारी आँखें झील सी लगे
कुछ को लगता हो की इनमे देख ले तो ज़िन्दगी आराम से कटे
कुछ शायद कहते हो की ये खुदा की नियामत है
पर जनता हु में की इनमे बसा हु मैं और इनमे झलकता प्यार मेरी अमानत है.
मेरे लिए तो ये आँखें तुम्हारा प्यार दिखने का तरीका है
आखिर झुकी आँखों से प्यार का इज़हार करना भी मैंने तुमसे ही सीखा है.
कभी सोचता हु की हमारी कहानी मैं ये आँखों ने क्या किया है
फिर आता है याद की पहला प्यार का वादा मैंने इनको ही दिया है.
इनकी वजह से मैंने जाना की तुम्हे मेरे प्यार पे ऐतबार है
इन्ही ने की चुगली और बताया की तुम्हे मुझसे कितना प्यार है.
मेरे लिए ये आँखें भगवान् का घर है, खुदा का दरबार है
आखिर इनमे झाँक के होता है सद्दा अहसास की तुम्हे आज भी मुझसे कितना प्यार है.
एक गुजारिश है की मुझसे आँखें फेर के मुझे कभी मत सताना
अगर न आना चाहो वापिस तो भी मुझे मत बताना.
अगर कुछ ऐसा कहोगे भी तो मैं आँखों में देखूंगा
और बता दूंगा की तुम्हे अब भी प्यार है और हँसते हँसते ये असत्य भी सह लूँगा.
पर खुदा न करे की तुम कहो की इंतजार करो क्यूंकि तुम आने वाली हो
और जब मैं आँखों से पुछु तो उनमे प्यार न हो और वो खाली हो
जानता हु की ऐसा नहीं होगा क्यूंकि आँखों में मैं सदा रहता हु
बहुत भरोसा है तुम पे इसी लिए ये बार बार कहता हु.
फर्क नहीं पड़ता की कोई क्या कहेगा
क्युकी ये आँखों का जोड़ा एक दिन मिलके रहेगा.
एक दिन इन आँखों को वो मिलेगा जो उनका अधिकार है
उस दिन चुप के नहीं खुल कहेंगी, ये की हमको प्यार है.
सच में ये आँखें बहुत कुछ बोलती है
शायद वो राज जो तुम छुपाना चाहती वो भी मेरे सामने खोलती है.
अजीब सी बात है पर मुझे इस पर ऐतबार है
तुम्हे हो न हो तुम्हारी आँखों को मुझसे प्यार है...
Sunday, August 22, 2010
क्या कभी सोचा नहीं की तुझे भूल जाऊ
क्या कभी सोचा नहीं की तुझे भूल जाऊ
क्या कभी सोचा नहीं की तुझसे दूर चला जाऊ
कितनी बार ऐसा हुआ की लगा तुझ पर भार बन गया
कितनी बार ऐसा लगा की बस अब बहुत हुआ
कितनी ही बार लगा की अब तुम मेरे साथ नहीं रहना चाहते
कितनी बार सोचा की अगर मुझसे इतने दुखी हो तो खुद क्यों नहीं भागते
कई बार सोचा की कह दू की अब अपनी और नहीं बनेगी
ज़िन्दगी की गाडी ऐसे अब और नहीं चलेगी
सोचा कितनी बार पर हर बार लगा की अब कह दूंगा
जैसे भी होगा , जो भी होगा तेरे बिन रह लूँगा
पर एक पल रुक कर सोचा की क्या ये सच है की मैं रह लूँगा
क्या सच में मैं ज़ालिम दुनिया का दुःख सह लूँगा
क्या कभी नहीं लगेगा की मैंने तुझे खो दिया
यही सोचता रहा और मैं फिर रो दिया
जब होश आया तो तुम मेरे पास खड़ी थी
हमेशा की तरह चहरे पे उदासी बड़ी थी
तुमने पूछा की मेरा बच्चा क्यों रोया
किसने किया परेशां जो फिर अपना आपा खोया
अब क्या जवाब देता , किसका नाम लेता
कह भी नहीं सकता ही तुम्हे छोड़ कर जा रहा था
पर मैं भी किस से ये सब छुपा रहा था
हमेशा की तरह तुमने मेरा मन पढ़ लिया
हमेशा की तरह हाथ पे हाथ रख के दिलासा दिया
अरे पागल ये क्यों सोचता है की मैं तुजसे दूर हु
हां ये सच है की थोड़ी सी दुनिया से मजबूर हु
पर क्या साथ रहने के लिए पास रहना ज़रूरी है
क्या सदा साथ रहना भी प्यार मैं मजबूरी है
क्या तू मेरा प्यार महसूस नहीं कर पा रहा है
और अगर आज भी मुझसे प्यार करता है तो आंसू क्यों बहा रहा है
मैं दूर सही मजबूर सही पर प्यार तो तुजसे करती हु
एक बार नहीं लाख बार कहा की आज भी तेरी चिंता करती हु
क्या तू मेरे लिए थोडा सा खुश नहीं रह सकता
जब मैं इतना कुछ सह रही हु क्या तू थोडा सा नहीं सह सकता
जानती हु की भगवन ने तुजसे हमे फिर मिलाने का वादा किया है
पर पगले भगवान् ने भी इस काम के लिए थोडा सा वक़्त लिया है
अगर उस वक़्त मैं भी तू इतना दुखी रहेगा
क्या भगवान् का तुजसे और तेरे भगवन से भरोसा नहीं हटेगा
तेरे लिए मैंने फिर एक काम सोच रखा है
चल तू ही बता आज मेरे घर मैं क्या पका है
मैं बोला की मुझे क्या पता की क्या है तेरे घर -बार मैं
वो बोली, तू अब तक नहीं समझा की रहती हु एक मकान में और घर तो बसेगा तेरे प्यार मैं
अब कैसे बताता उसको की सोचा था की उसे भूल जाऊ
सोचा भी था की दामन छुड़ा के कहीं दूर जाऊ
पर लगता है की कभी कहीं नहीं जाऊंगा
क्युकी एक दिन ज़िन्दगी मैं उसको ज़रूर पाउँगा
अब सांस थाम के उस दिन का इंतज़ार है
एक बार फिर कहता हु की मुझे तुमसे प्यार है
मुझे तुमसे प्यार है
मुझे तुमसे प्यार है
क्या कभी सोचा नहीं की तुझसे दूर चला जाऊ
कितनी बार ऐसा हुआ की लगा तुझ पर भार बन गया
कितनी बार ऐसा लगा की बस अब बहुत हुआ
कितनी ही बार लगा की अब तुम मेरे साथ नहीं रहना चाहते
कितनी बार सोचा की अगर मुझसे इतने दुखी हो तो खुद क्यों नहीं भागते
कई बार सोचा की कह दू की अब अपनी और नहीं बनेगी
ज़िन्दगी की गाडी ऐसे अब और नहीं चलेगी
सोचा कितनी बार पर हर बार लगा की अब कह दूंगा
जैसे भी होगा , जो भी होगा तेरे बिन रह लूँगा
पर एक पल रुक कर सोचा की क्या ये सच है की मैं रह लूँगा
क्या सच में मैं ज़ालिम दुनिया का दुःख सह लूँगा
क्या कभी नहीं लगेगा की मैंने तुझे खो दिया
यही सोचता रहा और मैं फिर रो दिया
जब होश आया तो तुम मेरे पास खड़ी थी
हमेशा की तरह चहरे पे उदासी बड़ी थी
तुमने पूछा की मेरा बच्चा क्यों रोया
किसने किया परेशां जो फिर अपना आपा खोया
अब क्या जवाब देता , किसका नाम लेता
कह भी नहीं सकता ही तुम्हे छोड़ कर जा रहा था
पर मैं भी किस से ये सब छुपा रहा था
हमेशा की तरह तुमने मेरा मन पढ़ लिया
हमेशा की तरह हाथ पे हाथ रख के दिलासा दिया
अरे पागल ये क्यों सोचता है की मैं तुजसे दूर हु
हां ये सच है की थोड़ी सी दुनिया से मजबूर हु
पर क्या साथ रहने के लिए पास रहना ज़रूरी है
क्या सदा साथ रहना भी प्यार मैं मजबूरी है
क्या तू मेरा प्यार महसूस नहीं कर पा रहा है
और अगर आज भी मुझसे प्यार करता है तो आंसू क्यों बहा रहा है
मैं दूर सही मजबूर सही पर प्यार तो तुजसे करती हु
एक बार नहीं लाख बार कहा की आज भी तेरी चिंता करती हु
क्या तू मेरे लिए थोडा सा खुश नहीं रह सकता
जब मैं इतना कुछ सह रही हु क्या तू थोडा सा नहीं सह सकता
जानती हु की भगवन ने तुजसे हमे फिर मिलाने का वादा किया है
पर पगले भगवान् ने भी इस काम के लिए थोडा सा वक़्त लिया है
अगर उस वक़्त मैं भी तू इतना दुखी रहेगा
क्या भगवान् का तुजसे और तेरे भगवन से भरोसा नहीं हटेगा
तेरे लिए मैंने फिर एक काम सोच रखा है
चल तू ही बता आज मेरे घर मैं क्या पका है
मैं बोला की मुझे क्या पता की क्या है तेरे घर -बार मैं
वो बोली, तू अब तक नहीं समझा की रहती हु एक मकान में और घर तो बसेगा तेरे प्यार मैं
अब कैसे बताता उसको की सोचा था की उसे भूल जाऊ
सोचा भी था की दामन छुड़ा के कहीं दूर जाऊ
पर लगता है की कभी कहीं नहीं जाऊंगा
क्युकी एक दिन ज़िन्दगी मैं उसको ज़रूर पाउँगा
अब सांस थाम के उस दिन का इंतज़ार है
एक बार फिर कहता हु की मुझे तुमसे प्यार है
मुझे तुमसे प्यार है
मुझे तुमसे प्यार है
Suna tha rishte bhagwan banata hai
Suna tha rishte bhagwan banata hai
Dil ke taar jod kar nayi dhun sunata hai
Par kabhi kabhi jab saare rishte nahi bana pata
Tab unhe baad me jodke khabar sunata hai
Hamesha hota nahi aisa ki apne rishte khusi de
Kholo apni baahen aur bhar lo duniya naye rishto se
Har taraf rishte hai jis taraf bhi tu modta hai
Aakhir duniya main pyar hi dilon ko jodhta hai
Zaroori nahi ki rishte khoon ke ho tabhi acche hai
Agar hum aaj tak aisa sochte hai to kya hum ab tak bacche hai
Rishta wo hai jisme aapko koi samajh le bin kuch bataye
Hamesha aapke saath rahe aur aapke dukh-sukh main saath nibhaye
Main shayad kuch kam rishte lekar duniya main aaya tha
Khuda ne ki sach main rehmat jab maine tujko paaya tha
Hum shayad milte nahi, baat nahi hoti par phir bhi tu mere dukh main roti hai
Sach kaha hai kisi ne Behan aakhir Behan hoti hai
Main tujhe Devil aur tu mujhe Devil kahti rahti hai
Par kya sirf mehsus karke ki dusra shayad dukhi hai
Kya apne aap humari aankhen nahi roti hai
Suna hai ki rona se kuch haasil nahi hota
Par kya ye ahsas kam hai ki main kabhi bhi dukh main akela nahi rota.
Humara rishta shayad hansi se kam aansuon se zyada kareeb hai
Par mile koi AISA jisko dukh bata sako, ye bhi apna hi naseeb hai
Duniya main bahut yaar hai jinse saath hum sukhi hote hai
Par hamesha hum kyu akele hi dukhi hote hai
Kyu socha bhagwan ne ki mujhe kuch dukh dena hai
Jab pata tha usko ki ye mujhe akele nahi lena hai
Hai koi aur jiske pariwar ka janam se hissa nahi
Par kya pyar bhare rishte ka duniya main koi kissa nahi
Jab bhi aap dukhi ho, just see me around
As I will never allow u to be alone in crowd
Maine jana hai ki galti bhagwan se bhi hoti hai
Tabhi to wo alag alag janam dekar baad main paas bulata hai
Par phir bhi... Suna tha rishte bhagwan banata hai
Dil ke taar jod kar nayi dhun sunata hai
Par kabhi kabhi jab saare rishte nahi bana pata
Tab unhe baad me jodke khabar sunata hai
Dil ke taar jod kar nayi dhun sunata hai
Par kabhi kabhi jab saare rishte nahi bana pata
Tab unhe baad me jodke khabar sunata hai
Hamesha hota nahi aisa ki apne rishte khusi de
Kholo apni baahen aur bhar lo duniya naye rishto se
Har taraf rishte hai jis taraf bhi tu modta hai
Aakhir duniya main pyar hi dilon ko jodhta hai
Zaroori nahi ki rishte khoon ke ho tabhi acche hai
Agar hum aaj tak aisa sochte hai to kya hum ab tak bacche hai
Rishta wo hai jisme aapko koi samajh le bin kuch bataye
Hamesha aapke saath rahe aur aapke dukh-sukh main saath nibhaye
Main shayad kuch kam rishte lekar duniya main aaya tha
Khuda ne ki sach main rehmat jab maine tujko paaya tha
Hum shayad milte nahi, baat nahi hoti par phir bhi tu mere dukh main roti hai
Sach kaha hai kisi ne Behan aakhir Behan hoti hai
Main tujhe Devil aur tu mujhe Devil kahti rahti hai
Par kya sirf mehsus karke ki dusra shayad dukhi hai
Kya apne aap humari aankhen nahi roti hai
Suna hai ki rona se kuch haasil nahi hota
Par kya ye ahsas kam hai ki main kabhi bhi dukh main akela nahi rota.
Humara rishta shayad hansi se kam aansuon se zyada kareeb hai
Par mile koi AISA jisko dukh bata sako, ye bhi apna hi naseeb hai
Duniya main bahut yaar hai jinse saath hum sukhi hote hai
Par hamesha hum kyu akele hi dukhi hote hai
Kyu socha bhagwan ne ki mujhe kuch dukh dena hai
Jab pata tha usko ki ye mujhe akele nahi lena hai
Hai koi aur jiske pariwar ka janam se hissa nahi
Par kya pyar bhare rishte ka duniya main koi kissa nahi
Jab bhi aap dukhi ho, just see me around
As I will never allow u to be alone in crowd
Maine jana hai ki galti bhagwan se bhi hoti hai
Tabhi to wo alag alag janam dekar baad main paas bulata hai
Par phir bhi... Suna tha rishte bhagwan banata hai
Dil ke taar jod kar nayi dhun sunata hai
Par kabhi kabhi jab saare rishte nahi bana pata
Tab unhe baad me jodke khabar sunata hai
Friday, August 20, 2010
Kya Sochu Kya Yaad Karu
Kya Sochu Kya Yaad Karu
Jeevan Ka Khalipan Kaise Bharu
Socha tha ki Aasan Hoga Tujhe Bhool Jana
Par Bhoolne ki Jagah pada Dard ko Apnana
Kya Hai wo Jo Main Bhool Saku
Itni Saari Sunhari Yaaden Kahan Rakhu
Meri to Har Baat main Tumhara Ahsas Hai
Ek Din Laut Aaoge Tum Ye Mera Wishwas Hai
Zindagi Ke Har Pahlu Main Tum Baste Ho
Jeene Ki Himmat Mil Jati Hai, Jab Bhi Tum Haste Ho
Ek Bhi Shikan Mere Chehare Pe Tere Liye Musibat Si Hai
Kyuki Tum Sirf Mera Pyar Nahi, Tujme Ek MAA Bhi Hai.
Har Pahlu Tera Mere Liye Ek Khazana Hai
Aakhir Ek Din Hume Milkar Apna Jeevan Sajana Hai
Ab Tere Haath Main Hai Ki Main Jee Lu Ya Maru
Ab Tak Nahi Soch Paya Ki Kya Sochu Kya Yaad Karu
Kya Sochu Kya Yaad Karu
Jeevan Ka Khalipan Kaise Bharu
Socha tha ki Aasan Hoga Tujhe Bhool Jana
Par Bhoolne ki Jagah pada Dard ko Apnana
Kya Hai wo Jo Main Bhool Saku
Itni Saari Sunhari Yaaden Kahan Rakhu
Meri to Har Baat main Tumhara Ahsas Hai
Ek Din Laut Aaoge Tum Ye Mera Wishwas Hai
Zindagi Ke Har Pahlu Main Tum Baste Ho
Jeene Ki Himmat Mil Jati Hai, Jab Bhi Tum Haste Ho
Ek Bhi Shikan Mere Chehare Pe Tere Liye Musibat Si Hai
Kyuki Tum Sirf Mera Pyar Nahi, Tujme Ek MAA Bhi Hai.
Har Pahlu Tera Mere Liye Ek Khazana Hai
Aakhir Ek Din Hume Milkar Apna Jeevan Sajana Hai
Ab Tere Haath Main Hai Ki Main Jee Lu Ya Maru
Ab Tak Nahi Soch Paya Ki Kya Sochu Kya Yaad Karu
Kya Sochu Kya Yaad Karu
Thursday, August 19, 2010
We not ME & YOU
I feel I will walk with you this life thru'
as WE is always better then ME & YOU.
With you the life looks like a diamond beam
as I used to sleep fast before you gave me dreams.
Life was all about working around
never used to hear life's sound
you arrived & told me to break the rule
life was stand still untill you injected fuel
you brought my life in to motion
you taught me what is a human & what is emotions
If you leave me I will again go to machine stream
Nobody will ever realise that I also had dream
Life will be tough without you but I will still live on the track
as you only told me that one day you will surely be back....
And I still want to walk with you this life thru'
as WE is always better then ME & YOU.
as WE is always better then ME & YOU.
as WE is always better then ME & YOU.
With you the life looks like a diamond beam
as I used to sleep fast before you gave me dreams.
Life was all about working around
never used to hear life's sound
you arrived & told me to break the rule
life was stand still untill you injected fuel
you brought my life in to motion
you taught me what is a human & what is emotions
If you leave me I will again go to machine stream
Nobody will ever realise that I also had dream
Life will be tough without you but I will still live on the track
as you only told me that one day you will surely be back....
And I still want to walk with you this life thru'
as WE is always better then ME & YOU.
as WE is always better then ME & YOU.
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