Saturday, August 28, 2010

एक दिन

एक दिन अचानक घुमते घुमते मुझसे कोई टकरा गया

जानी पहचानी लगी शक्ल से थोडा सा चकरा गया
सोचा की कहीं तो इस को देखा है, क्या हमारी जान पहचान है
क्या ये मेरे परिवार का या रिश्तेदारों में से कोई इंसान है
क्या ये पहचान का है, या है कोई गुमशुदा
सोचा भी नहीं था मैंने की सामने दिख रहा है मुझे खुदा

खुदा ने पूछा की कहा चोट तो नहीं लगी है
क्या जिसे में ढूँढ रहा हु वो यही कही है
मैंने पुछा की क्या आप मेरे लिए आये हो
आप तो सारे संसार के मालिक हो, मेरे लिए क्या लाये हो
वो बोले की क्या सदा मुझे ही आना होगा
हर बार तेरी मुश्किल से मुझे ही बचाना होगा
कब तक तू बार बार हर बात में मुझे बुलाएगा
तुझे पता क्या चल गया की में तुझसे प्यार करता हु
क्या हर बार मुझे ही सताएगा

कुछ तो ऐसा कर की मुझे लगे तुने किया है कुछ विचार
मैंने कहा की आपकी मदद के बिना ही मैंने किया है प्यार
मैंने खोज ली ऐसी लड़की जो मेरा आपसा ख्याल रखती है
जितना में उस पे जीता हु उतना वो मुझपे मरती है
आपने मुझे जन्म दिया और ये संसार दिखाया
उसने मुझसे मिलकर मुझे जीवन जीना सिखाया
आपने हर पल मुझे जीवन में हर अधिकार दिलाया
उसने मेरे साथ रह कर हर बार वक़्त पे मुझे खाना खिलाया
आपने सदा मुझ पर रखा आपना हाथ
आप ही की तरह मेरे हर सुख-दुःख में थी वो मेरे साथ
आपने दुनिया को कहा की परेशान न करे मुझे कोई
जब भी में हुआ दुखी, हर बार वो मेरे साथ रोई
मैंने जब भी पलट के देखा आप मेरे साथ थे
और जब साथ में देखा तो मेरे हाथों में में उसके हाथ थे

आपने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा
उसने भी मेरी मुश्किल में मुझसे मुह नहीं मोड़ा
क्यों आज ये सवाल आया की में आप दोनों में से एक को थाम लू
क्यों कहा मुझे की आप में से एक का नाम लू

वो बोले की पागल मैंने कब कहा की एक को चुन ले
पहले मेरी पूरी बात तो सुन ले
मुझे हमेशा पता था की तेरा उससे क्या नाता है
मैं तेरा पिता हु, क्या मुझे इतना भी समझ नहीं आता है

मैंने तो तुझे बताने आया था की मैंने सोचा है की खत्म कर दू तेरी जुदाई
पर तू तो प्यार मैं पागल है और कर रहा  मुझसे ही लड़ाई
अगर मैं तुझे न जानता तो नाराज़ हो जाता
लौट जाता और वापिस भी नहीं आता
पर मैं जानता हु की तेरे लिए उसने क्या किया
जा आज जो तुने माँगा वो मैंने तुझे दिया
कुछ वक़्त लगेगा पर तुझे ये ज़रुर मिलेगा
जल्दी आएगा दिन जब तेरा चेहरा फिर खिलेगा
आएगी तेरे जीवन में फिर बहार
मिलेगा ज़रूर तुझे जो है तेरा प्यार
तू जनता है मैं की तेरा दुःख नहीं देख सकता
वैसे भी तेरे आरमान ज्यादा देर नहीं रोक रखता
वरना तू फिर से लड़ाई शुरू करेगा
लाडला है मेरा जो चाइये वो लेकर ही रहेगा

मैंने सोचा की थोडा रुक कर लूँगा थोडा और ज्ञान
सामने देखा तो प्रभु हो गए अंतर्ध्यान
जाने से पहले मुझे बताया की फूल फिर खिलेगा
मुझे जो चाइये वो जल्दी ही और ज़रूर मिलेगा

आज एक और बार भगवान् पे विश्वास हुआ मज़बूत
वो देते है जो मांगो सच्चे दिल से, इसका मिला सबूत
आप को आना होगा अगर आप ना चाहो भी
क्यूँकी भगवान से हमारी किस्मत फिर से एक साथ लिख दी
आपने माँगा नहीं पर अपना आरमान एक जैसा था
आखिर ये ख्वाब हमने साथ देखा था

कुछ वक़्त की मुलाकात में नसीब खिल गए
एक दिन बाज़ार में भगवान मिल गए......

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