अब तक हमने साथ आपके कितना सारा वक़्त बिताया,
बयां भी नहीं कर सकता कि कितना कुछ आपसे है पाया,
छोटी छोटी बातें जानी, काम सलीके से करना सिखाया,
कैसे रहेंगे बिना आपके, कल जब ना आस पास होगा आपका साया !
नहीं किया सिर्फ काम आपने, आपने है परिवार बनाया,
घर मैं हूँ मैं, या दफ्तर मैं, फर्क कभी मैं समझ ना पाया,
काम भी काम नहीं है लगता, जब आप सा कोई साथ हो,
आपके संग में समय यूँ बीता, जैसे कल की ही कोई बात हो !
जा रहे हैं आज आप, तो मन ये कुछ भारी हो आया,
कितना सीखा आपसे अब तक, कभी आपको बता भी ना पाया,
आपने इतना स्नेह दिया की अब मैं खुद स्नेह का व्यापारी हूँ,
आपने रखा साथ सदा मुझे, आपका मैं दिल से आभारी हूँ !
कल के सूरज से आपके जीवन मैं नयी लालीमा छाएगी,
आप रहेंगे व्यस्त इस सब में, पर हमको सदा आपकी याद सताएगी,
आप रहें हमेशा वट वृक्ष की तरह, पर अब तो धूप सताएगी,
आपके जाने से होगा इतना सूनापन की कभी जगह भर ना पायेगी !
पर ये सच है की हम आपको यूँ भूल ना पाएंगे,
जब जब आएगी याद आपकी, चाय पीने घर आपके आयेंगे,
आप ना सोचे की आपका पीछा हमसे यूँ छूट जायेगा ,
आपसे रिश्ता ऐसा है की हर पल आपकी याद दिलाएगा !
आप करें जीवन में जो भी, उसमे आपका नाम हो,
बड़ते रहें जीवन में सदा आप, कभी ना कोई विराम हो,
सदा रहें जीवन में सादगी, कभी ना कोई भ्रांति हो,
जीवन में आपके सुख - समृधि हो, और सदा ही शांति हो !
और सदा ही शांति हो ,,,, और सदा ही शांति हो..!!
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
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