रोता में अब भी हूँ पर आंसू पोछने को तेरा हाथ नहीं है
दुनिया है, सब जहाँ है पर अब वो बात नहीं है
क्यों में ही सोचता हु, रोता हु रात दिन
प्यार दोनों ने किया था क्या अब वो जज्बात नहीं है
दुनिया है, सब जहाँ है पर अब वो बात नहीं है
तु खुश रहे, मसरूफ रहे अपने ही जहान में
पर कभी मेरा हाल ले, क्या ये हालत नहीं है
दुनिया है, सब जहान है पर अब वो बात नहीं है
बारिश तुझे पसंद है, सोचा मिलेगी तब मुझे
इस बरस तो अकाल है, बरसात नहीं है
दुनिया है, सब जहान है पर अब वो बात नहीं है
आज फ़िर किया इक सौदा मैंने
ReplyDeleteकुछ ख़रीदा और कुछ बेचा मैंने
वो हस्ते हैं मुझ पर
की फ़िर दिल लुटा कर आए हो
मैं हस्ता हूँ की फ़िर कोई तमाशा है बनाया मैंने
कुछ रेत के महल, कुछ सपनो के समंदर
कुछ मीठे से वो ख्वाब, कुछ मुस्कुराहतो की महफिल
एक एक पल करके बनाई थी जागीर अपनी
की जिसे बेच कर कुछ हसीं लम्हे ख़रीदे मैंने
कुछ यादें, कुछ रिश्ते, इक अजनबी
ये वो तोहफे है जो मुफ्त हैं पाये मैंने
वो नादान है जो हस्ते हैं
की कुछ नही सोचा मैंने
अब किसको क्या बताये
की क्या है बेचा और क्या है ख़रीदा मैंने