सुनते थे की प्यार में बड़ी गहराई है
शायद गहराई समझने की ये कीमत मैंने चुकाई है
जब तक रही तू साथ मेरे समझा नहीं कभी तुझको
आज जब तू जा रही है तो क्यों ये घटा घिर आई है
कहती रही सदा मुझसे की तुझको मुझसे प्यार है
मैं भी कभी था कह देता, मुझे पता है और ऐतबार है
सोचा नहीं कभी ये की तेरा मन भी में रखू
कहती रहती है तू मुझसे में भी कभी तुझे कहू
है मन ये आज कहने का की मुझको कितना प्यार है
तु जान से भी प्यारी है, दिल को तेरा इंतज़ार है
जो कहती थी तू बार बार वोही बात सच है, सही है
किसको कहू ये बात अब जो तू ही अब नहीं है
पर तुझसे बात करने को, तेरी भी क्या ज़रोरत है
करता हु जब भी आँखें बांध, दिख जाती तेरी सूरत है
पर जैसे मैंने अब तक तुझको ना कोई जवाब दिया
क्यों तुने भी इस बात में मेरा ही रंग सीख लिया
क्यों छुप है तू, ना बोलती की तुझको मुझसे प्यार है
क्यों आज तू ना कहती की मुझ बिन जीना बेकार है
ऐसा तो कुछ हुआ नहीं की प्यार अब नहीं रहा
ये बात और है की तुने मुझसे ये नहीं कहा
ये रिश्ता था इतना खुला की कोई भी जा सकता है
पर चले अगर अगर जो तुम, रिश्ता तो अब भी रिश्ता है
ऐसा नहीं की तुम गए और मैंने दुआ छोड़ दी
आँखों ने रोना बांध किया और दिल ने आस तोड़ दी
बस ये हुआ की तुमने अपने मोम को पत्थर किया
कल तक था यु चुप चाप में , अब तुने ना कुछ कहा सुना
मेरी तरह तुने भी तो बस आंकें फेर बोल दिया
रिश्ते की डोर जैसी थी, पर एक पल में खोल दिया
पर ऐसा नहीं की डोर फिर से जुड़ नहीं सकती कभी
आना तुझे ज़रूर है, शायद ना आएगी अभी
इतना तो तुझसे कौल है की इंतज़ार करूँगा में
जी लू चाहे अकेला पर तनहा नहीं मरूँगा में
है अगर जिद ये तेरी तो मेरी भी जिद ज़रूर है
तुझे है अपने आप पर, मुझे प्यार पे गुरूर है
अगर जो आई तू नहीं तो छीन के ले आऊंगा
जिया है सपना संग तेरे, तेरे संग ही निभाऊंगा
शायद ये ज़िन्दगी का तरीका ही कुछ अजीब है
सिखा दिया है इसने मुझे की कितना तू करीब है
जीता रहूँगा में भी अब, कुहदा पे मुझे यकीन है
मैं बन सका ना कुछ तेरा पर तू मेरा नसीब है
सुनते थे की प्यार में बड़ी गहराई है
शायद गहराई समझने की ये कीमत मैंने चुकाई है