Saturday, November 6, 2010

न तुम कहोगे आज तुमको मुझसे प्यार है

न तुम कहोगे आज तुमको मुझसे प्यार है 
ये तुम कहो ना कहो मुझको ऐतबार है 

छुपा के रखा है तुमने अपने आपको मुझसे 
क्या जानते नहीं मेरा तुम पे इख्तियार है 

न देख पता हु तुमको मैं तुम्हारी खिड़की में 
पर खिडकियों के पीछे दिल तुम्हारा भी बेक़रार है 

मिलो ना मुझसे तुम कभी ना मुझसे बात करो 
आँखों में नूर मेरे प्यार का बरक़रार है 

अगर कभी लगे की दिल बहुत ख़ुशी सी में है 
तो समझ लेना मुझे थोडा सा अब करार है 

अगर जो आये तुम वापिस तो समझो प्यार जीत गया 
न आओगे जब तलक तब  तक मुझे इंतज़ार है 

तेरी तरफ से में आज भी मायूस नहीं 
मैं जानता हु है की ये प्यार है, कोई व्यापार है 

कभी ना कहना की तुम्हे प्यार अब नहीं रहा मुझसे 
मैं अब भी  बसता तेरे दिल में, मेरा कोई और तो  घर-बार नहीं 


कहोगे तुम अगर ये आज तुमको मुझसे प्यार नहीं 
कहो अगर ये तुम तो कहो लो मुझे  ऐतबार नहीं  


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