तेरे जाने की खबर ने मुझे खुदा के करीब कर दिया
खुद रोक नहीं सकता हु तुझे अब तेरा आना नसीब कर लिया खुदा को अगर चाइये मेरे लबो पे फिर हँसी
समझना होगा उसको ये तू कैसे मुझमे रची बसी
मेरा तो हर कदम सदा तेरी दिखाई राह पे चला
तूने ही कहा सदा मैं तेरे साथ ही भला
कभी भी ये नहीं लगा की तुजसे मैं यु दूर हु
क्यों आज ये यकीन नहीं, क्यों लगे की मैं कुछ मजबूर हु
क्यों आज खुदा ने ये खेल मेरे संग खेला है
अकेला मैं, अकेले तुम पर सब तरफ ही मेला है
क्यों आज तेरी आँखें लाल और मेरा दिल उदास है
नहीं है तू करीब पर मिलने की तुझसे आस है
अब तो खुदा को अपने को साबित करना ज़रूर है
मुझे खुदा से तुझको ही बस मांगने का फितूर है
खुदा देगा मुझे तुम्हे मुझे भी ये सुरूर है
खुदा ने ये कहा मुझे की तू मेरा नसीब है
जुड़ा हुआ हु खुदा से मैं और तू मेरे करीब है
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