Saturday, November 6, 2010

तेरे जाने की खबर ने

तेरे जाने की खबर ने मुझे खुदा के करीब कर दिया 
खुद रोक नहीं सकता हु तुझे अब तेरा आना नसीब कर लिया 

खुदा को अगर चाइये मेरे लबो पे फिर हँसी 
समझना होगा उसको ये तू कैसे मुझमे रची बसी 

मेरा तो हर कदम सदा तेरी दिखाई राह पे चला 
तूने ही कहा सदा मैं तेरे साथ ही भला 

कभी भी ये नहीं लगा की तुजसे मैं यु दूर हु 
क्यों आज ये यकीन नहीं, क्यों लगे की मैं कुछ मजबूर हु 

क्यों आज खुदा ने ये खेल मेरे संग खेला है 
अकेला मैं, अकेले तुम पर सब तरफ ही मेला है 

क्यों आज तेरी आँखें लाल और मेरा दिल उदास है 
नहीं है तू करीब पर मिलने की तुझसे आस है 

अब तो खुदा को अपने को साबित करना ज़रूर है 
मुझे खुदा से तुझको ही बस मांगने का फितूर है 
खुदा देगा मुझे तुम्हे मुझे भी ये सुरूर है 

खुदा ने ये कहा मुझे की तू मेरा नसीब है 
जुड़ा हुआ हु खुदा से मैं और तू मेरे करीब है 

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