अपना रिश्ता कितना अलग है
कितना जुदा है बाकी सब से
अक्सर रिश्तो के नाम है होते
इसमें तुम्हारा नाम है रिश्ता
जब जो चाहा इसको पुकारा
जैसे चाहे बना लिया
कभी दोस्ती, कभी आत्मा
कभी लड़ाई का नाम दिया
सबसे अलग सी बात है इसमें, कोई बंदिश इसमें नहीं है
जहाँ गलत था सही किया और जहाँ सही है, वहां सही है
इस रिश्ते में दूरी बहुत थी पर कोई गाँठ कभी नहीं थी
इनता लड़के भी फिर से मिले हम, ज़रूर कोई तो बात रही थी
जिसने जो भी माँगा उसने वो भी पाया इसमें
एक माँ थी और एक बेटा, भाई भाई बनाया इसने
जितना हो सका दोनों ने दिया, सोचा नहीं की क्यों देना है
आखिर कुछ तो बात है इसमें, इसका दुःख भी हँस के सहना है
आज तो तुमने कुछ ऐसा मागा जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी
सोचा था की होता हु में सही पर इस बार तो सच में तुम ही सही थी
तुमने जो अगर जान मांगी होती तो भी ये बात समझ लेता
तुमने जब कहा की जाना है, कैसे में हाथ पकड़ लेता
शायद इस रिश्ते का नाम ना होना ही इसकी कमजोरी है
पर क्या प्यार ही बहुत नहीं, क्यों बीच में आग ज़रोरी है
तुम जा रहे हो आज तो में सिर्फ दुआ ही करता हु
खुश रहो सदा, ना गम हो कभी बस ये ही दम भरता हु
ये आँखें नम पर लब पे हँसी है क्यूँकी आपको को आंसू पसंद नहीं
आप जाओ और खुश रहो सदा, ये है शायद अब होगा सही
ऐसा नहीं की याद नहीं आएगी, या तू कभी भी दुखी रहेगी
होंटो पे रहेगी तेरे हँसी सदा और दिल में मेरे हमेशा दुआ रहेगी
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