Saturday, October 30, 2010

सोचा था

सोचा था एक दिन तुझे कहूँगा, तू मेरी जान है
मेरे लिए खुदा है तू, मेरी तू ही पहचान है

तुने मुझे सिखा दिया की ज़िन्दगी अज़ीम है
तेरे ही संग जिया इसे, बिना तेरे अजीब है

मेरी तो हर ही बात में तेरा असर ज़रूर है
अब याद आये तेरी हर पल, तो मेरा क्या कसूर है

तुने सदा मुझे कहा की तू मेरे हर कल का नूर है
तुझे तो ये याद नहीं, मुझे आज भी इस पर गुरूर है

है आज जो भी मेरा पास, उस सब को तेरा इंतजार है
मैं सिर्फ नहीं हु यहाँ, हर चीज़ को तुझसे प्यार है

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